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पर्यावरण दिवस विशेष : मिलिए मुहम्मद साहिल सैफ़ी और उनके टीम हॉप फ़ॉर ह्यूमैनिटी से

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दिल मे कुछ करने का जज्बा हो तो, इंसान किसी मंज़िल को पा सकता है। इसी बात को सच कर दिखाया है सीवान के कुछ युवाओं ने। जी हां, मार्च 2020 में DAV पब्लिक स्कूल, सीवान से कुछ लड़कों ने बारहवीं की परीक्षा पास की और रिजल्ट आने तक का जो समय मिला, उसमे उन्होंने एक NGO - "हॉप फ़ॉर ह्यूमैनिटी" की शुरुआत करी और आज लगभग 2 साल बाद इस NGO ने इतना कार्य किया कि आज अपनी प्रशिद्धि का परचम लहरा रहा है।  इस NGO के फाउंडर मुहम्मद साहिल सैफ़ी से वार्तालाप के दौरान मालूम हुआ कि इस NGO ने पिछले 2 सालों में 1 हज़ार से भी ज्यादा पेड़-पौधें बिहार के अलग-अलग जिलों में लगाया है। इसके साथ-साथ ये NGO समय-समय पर पर्यावरण संबंधित जागरूकता कार्यक्रम, क्विज, भाषण, इत्यादि प्रतियोगिता आयोजित करते रहती है ताकि लोगो मे और विद्यार्थी वर्ग में पर्यावरण को लेकर जागरूकता पैदा हो और हमारी धरती की सुरक्षा हो सके। इस NGO का लक्ष्य है कि अगले 4 साल में बिहार की धरती पे 1 लाख पौधें लगाए। इस NGO ने कोरोना महामारी के दौरान भी बहुत काम किया। NGO के मेंबर बताते हैं कि लगभग 14 से 15 हज़ार लोगो तक ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कर...

महामारी, हल्के या लापरवाही से इस्तेमाल करने वाला शब्द नहीं है। तीसरी लहर - शहर बानो

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हम सभी पिछले दो वर्षो से कोरोना महामारी को स्पष्ट देख रहे हैं यह वायरस अब भी मानव को संक्रमित कर रहा है इस वायरस के चपेट में आने से अंगिनत लोगो ने जान गवाँए हैं ऐसे मे हम सभी को एक बार फिर सर्तक और जिम्मेदार हो जाना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि दूसरी लहर मे हुई गलतियाँ को न दोहराए और दूसरी लहर की घटनाओ को देखते हुए हमलोगो को तीसरी लहर ओमीक्रोन को हराने के लिए कठिन सी कठिन कदम उठाना होगा।  जैसा कि विश्व स्वास्थय संगठन ने  कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रान को बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक वेरिएंट करार दिया है कुछ ही समय मे दुनियाभर के देशों ने यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए, जहाँ इस वरिंएट के मामले सामने आए हैं।  पिछले वर्षो से हमसभी इस महामारी से अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं। जिसमे आँखो देखा लाश जिसे शमशान मे जलाने के लिए लकड़ीयों कि कमी और मुर्दो को दफ़नाने के लिए जगह नहीं बची थी।  कोरोना की दूसरी लहर ने हम सभी के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है इस दौरान लोगों को कई  चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा जहां कई लोग इस घटना से बचे रहे, वहीं न जाने ...

अफवाह नहीं, जागरूकता से रोकेंगे तीसरी लहर - मुहम्मद साहिल सैफ़ी

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हमने कोरोना की दूसरी लहर में वो मंज़र भी देखे हैं, जब शमशान में जलाने के लिए लकड़ियाँ और ज़मीन की कमी हो गयी थी। वो मंजर भी देखें हैं जब कब्रिस्तानों में जगह नही बची थी, एक कब्र में 3-3 मुर्दे दफनाए जा रहे थें। हम इस मंजर को कैसे भूल सकते हैं, हमने अपने आंखों से देखा है इस मंजर को। हमने देखा है ऐसे-ऐसे नौजवानों को मौत के मुँह में समाते हुए जो बिल्कुल स्वस्थ दिखा करते थें, हमने एक महामारी देखी हैं। अब देश मे कोरोना के अलग वैरिएंट, यानी ओमिक्रोन वैरिएंट ने दस्तक दे दी है और देश मे एक्टिव केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। केस में बढ़ोतरी के मुख्य कारण या तो डर है या फिर जागरूकता का ना होना। बड़े-बड़े वैज्ञानिक चेतावनी दे चुके हैं कि अगर वक़्त रहते कोई बड़ा कदम न उठाया गया तो हमे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। IIT और AIIMS जैसे संस्थान भी बोल चुके हैं कि फ़रवरी के मध्य पीक आ सकती है। इन सबके बीच एक मुख्य प्रश्न ये उठता है कि आख़िर इस परिस्तिथि से कैसे बचा जाए ? आइये हम मिलकर चिंतन करते हैं । इस परिस्तिथि से बचने के लिए सबका साथ होना बहुत जरूरी है, हर व्यक्ति को अपने स्तर से प्रयास करना होगा।...

सीवान के युवाओं का टीम, जो इस महामारी में सेवक बन के उभरा है ।

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इस महामारी में हर कोई परेशान है। हर कोई इतना निःस्वार्थ हो गया है कि किसी और कि फिक्र तक नही है। इन्ही सबके बीच सीवान के युवाओं ने भी मदद को हाथ आगे बढ़ाया है और लगातार कोरोना मरीजों की मदद कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि ये लोग घर पे बैठे-बैठे लोगों की मदद कर रहे हैं । इन युवाओं ने पूरे भारत भर के ऑक्सीजन प्रोवाइडर्स के नंबर एक जगह इकट्ठा किया है और जिन्हें भी जरूरत हो रही है, ये मदद को आगे आ रहे हैं। इन युवाओं ने देश के अलग-अलग हिस्सों के NGO से भी कांटेक्ट किया है और पूरे भारत भर में जिन्हें भी खाने-पीने या किसी भी चीज़ की जरूरत हो रही है, तो ये युवा उसे पूरा कर रहे हैं। युवाओं ने बताया कि वो अब तक लगभग 2000 से भी ज्यादा लोगों को वक़्त पे ऑक्सीजन मुहैया करा कर उनकी जान बचाई जा चुकी है और हर दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग NGO द्वारा लगभग 20 से 30 हज़ार लोगों को खाना खिलाया जा रहा है। आपको बता दें कि 12वीं में पढ़ते हुए मुहम्मद साहिल सैफी ने 2 साल पहले इस NGO की स्थापना की थी और आज ये NGO मानवता के लिए एक मिशाल बन गयी है । हमने टीम के लोगों से बात की, सबसे अपने विचा...

Dos and Don'ts For Vaccination

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Credit - Hope For Humanity Released By - Govt. Of India

HOPE FOR HUMANITY

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We Are Not Any NGO or Foundation. We Are Group Of Young Minds Dedicated To Save Environment and Help Needy Peoples During Natural Disasters.