सीवान के युवाओं का टीम, जो इस महामारी में सेवक बन के उभरा है ।
इस महामारी में हर कोई परेशान है। हर कोई इतना निःस्वार्थ हो गया है कि किसी और कि फिक्र तक नही है। इन्ही सबके बीच सीवान के युवाओं ने भी मदद को हाथ आगे बढ़ाया है और लगातार कोरोना मरीजों की मदद कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि ये लोग घर पे बैठे-बैठे लोगों की मदद कर रहे हैं ।
इन युवाओं ने पूरे भारत भर के ऑक्सीजन प्रोवाइडर्स के नंबर एक जगह इकट्ठा किया है और जिन्हें भी जरूरत हो रही है, ये मदद को आगे आ रहे हैं। इन युवाओं ने देश के अलग-अलग हिस्सों के NGO से भी कांटेक्ट किया है और पूरे भारत भर में जिन्हें भी खाने-पीने या किसी भी चीज़ की जरूरत हो रही है, तो ये युवा उसे पूरा कर रहे हैं।
युवाओं ने बताया कि वो अब तक लगभग 2000 से भी ज्यादा लोगों को वक़्त पे ऑक्सीजन मुहैया करा कर उनकी जान बचाई जा चुकी है और हर दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग NGO द्वारा लगभग 20 से 30 हज़ार लोगों को खाना खिलाया जा रहा है।
आपको बता दें कि 12वीं में पढ़ते हुए मुहम्मद साहिल सैफी ने 2 साल पहले इस NGO की स्थापना की थी और आज ये NGO मानवता के लिए एक मिशाल बन गयी है ।
हमने टीम के लोगों से बात की, सबसे अपने विचार भी दिए, जो इस प्रकार है -
मुहम्मद साहिल सैफ़ी - "मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है और इस महामारी में लोगो की सेवा ही सबसे बड़ा कर्म। हमने जब पहली बार मदद को हाथ बढ़ाया था तो उम्मीद नही थी कि सफल हो पाएंगे, पर देश के अलग-अलग राज्यों से NGO जुड़तें गए और मदद होती रही और आगे भी जारी रहेगी । "
फ़राज़ समी रिज़वी - "हमे रात भर कॉल आते हैं कि यहां पे सिलिंडर चाहिए, वहाँ पे सिलिंडर चाहिए और हम लोगों की मदद करते हैं। हमारा मानना है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और भूखे को खाना खिलाना सबसे बड़ी इबादत। "
शिवम आनंद - " हमलोग लगातार प्रयास कर रहे हैं कि लोगों की ज्यादा से ज्यादा सेवा की जाए और हम कर भी रहे हैं। मेरा मानना है कि इस महामारी में हम खुद लोगों के पास जाकर मदद नही कर सकते, पर जो सुविधा हमारे पास है, उसके हिसाब से तो कर सकते हैं और हम कर रहे हैं। "
शुभम यादव - " हम लोगों की मदद के साथ-साथ उनको प्रोत्साहित भी कर रहे हैं और उनके बीच जागरूकता भी फैला रहे हैं और साथ ही साथ हमने ये भी फैसला किया है कि जो लोगों की मदद कर रहे हैं, हम उनको सम्मानित भी करेंगे।
प्रत्युष चंद्रा - "हमारा लक्ष्य है कि अपना देश फिर से मुस्कुराये और लोगो बिना मास्क के, बिना कोरोना से डर से, जीवन जी सके। और हमे पूरा विश्वास है कि हम ये जंग जीतेंगे और हमारा देश फिर से मुस्कुराएगा। "
अब्दुल्लाह आफताब - " लोगों के मदद के साथ-साथ हम वैक्सीनेशन के लिए भी लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं। अगर लोग जागरूक हो के वैक्सीन ले लें तो हमारा देश बहुत जल्द इस लड़ाई में विजय पा जाएगा "
इस टीम का हर युवा अभी ग्रेजुएशन का छात्र है और पढ़ाई के साथ-साथ लोगों की घर पे बैठे बैठे मदद भी कर रहा है। जिले के साथ-साथ राज्य व देश के युवाओं को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने हिसाब से मदद करनी चाहिए। मदद के लिए जरूरी नही की आप खुद जाकर मदद करें, आप घर पे भी बैठे-बैठे लोगों की मदद कर सकते हैं, जैसे ये टीम कर रही हैं।
संवाददाता - प्रकाश सुमन, सीवान